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Showing posts from May, 2023

भगवती लाल जी की कुल्फी

बचपन की बात, गर्मियों के दिन, दिन का समय और टन टन टन की आवाज़ | भले ही आप गहरी नींद में हो लेकिन हाथीपोल में तीसरी गली में भगवती लाल जी के ठेले से टन टन टन घंटी की आवाज़ से अच्छे अच्छे जग जाते थे |  जैसे ही पता लगता की भगवती लाल जी कुल्फी की लॉरी तीसरी गली तक पहुंच गयी है तो पैसे का जुगाड़ शुरू हो जाता था | बस सारे खाने खजाने खोज लो कही से 50 पैसे, 1 रुपया का इंतेज़ाम हो जाये और अगर 2  रूपये मिल जाये तो रबड़ी वाली कुल्फी का जैकपोट | इधर उधर ताको में आरियो में हारे-हमारे (तलाशना) शुरू | बहुत बार तो कोई पैसे दे देता तो बचाकर रखते ताकि दिन में भगवती लाल जी आये तो उस समय दुसरो का मुँह नहीं ताकना पड़े | अगर पैसे नहीं है तो दूसरा जुगाड़ शुरू | पहले मम्मी को पटाना, बाई को पटाना, ताऊजी को पटाना | फिर भी नहीं दे तो उनको उनके किसी काम को करने में सहायता का लालच देना की 1 रूपया दोगे तो आपका ये काम मै कर लूंगा वा खाली पचास पैसे दे दो पूरा काम कर लूंगा  |  बहुत बार कोई ना कोई जुगाड़ हो ही जाता | क्योकि कैसे भी करके भगवती लाल जी क़ी रेहड़ी तीसरी गली से हमारे घर तक पहुंचेगा तब तक कुछ न कुछ जुगाड़ करना ही बहुत ब