नानाजी का मिनी बैंक बैंक क्या होता है जिसमे हम पैसे जमा कराते है और जरूरत पड़ने पर निकालते है। ठीक वैसा ही हमारे नानाजी का मिनी बैंक था। नानाजी एक छोटी डायरी बना रखी थी। जिसमे हम सब cousin भाई बहन का अलग अलग पेज पर नाम होता था। कभी कोई मिलने आता तो कुछ पैसे देता या फिर कही से कुछ पैसे आते तो उसको हम हमारे बैंक खाते में मतलब नानाजी के पास जमा करवाते और डायरी में एंट्री करवाते। बहुत बार तो नानाजी से ही पैसे मांगकर जो मिलता उसको खाते में जमा करवा देते थे। बहुत बार कुछ खाने की इच्छा होती पानी पूरी कचोरी आदि या फिर क्रिकेट की बॉल लाने के लिये पैसे चाहिये या फिर और किसी चीज़ के लिए पैसे चाहिए तो पहले नानाजी से पैसा मांगा जाता। उनसे मिल जाये तो ठीक और बहुत रिक्वेस्ट करने पर भी नही दे तो फिर लास्ट ऑप्शन खाते में से काट दो। इस तरह फिर मजबूरी में खाते से पैसे निकालने पड़ते थे। लेकिन मुझे याद है 1-2 या फिर 5 रुपए खाते में जमा कराते-कराते मेरे 500 से ज्यादा रुपए इकट्ठे हो गए थे। क्योंकि हम पैसे तो बहुत मजबूरी में ही निकालते थे। क्योंकि बहुत बार नानाजी खुद ही दे देते थे बिना खाते से काटक