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My Goa Trekking Experience YHAI December 2023

My Goa Trekking Experience YHAI December 2023

ट्रैकिंग का अनुभव किसी का बुरा हो सकता है किसी का अच्छा हो सकता। मेरा ओवरआल अच्छा रहा। अपने daily job routine से कुछ अलग-थलग । समुद्र की गहराई, पहाड़ो की ऊँचाई, जंगल का आनंद, waterfall के बहते पानी का आनंद, गाव का सरल जीवन, जल्दी सोने और उठने का नियम, पक्षियों की चहचहाहट, प्रकृति के सुंदर मनोरक नज़ारे, train का सफर, टेंट में रहने का अनुभव, कच्चा टॉयलेट, जमीन पर सोना और कभी कभी टेढ़ी-मेढ़ी जमीन पर भी खर्राटे मारते हुए गहरी नींद में सोना, camp fire, YHAI का स्वादिष्ट खाना, अनुभवी Camp leaders, खुद के बर्तन खुद धोना, कम्बल लेना वापिस साफ करके लौटाना, टैंट साफ करना, मोबाइल नेटवर्क और स्क्रॉलिंग से दूर, और सबसे महत्वपूर्ण नये अनजाने लोगो से मिलना और फिर उनके साथ खाना पीना उठना बैठना खेलना, एक-दूसरों के अनुभव शेयर करना। कुछ नये दोस्त बनाना जो जरूरी नहीं है कि आपकी same उम्र के हो, साथ मे गाने गाना, ताश खेलना, मस्ती मजाक करना, एक दूसरे को चिढाना, बुराई करना लेकिन फिर एक ग्रुप परिवार की तरह जीवन जीना, साथ मे मजे करना ।

सच में overall experience बहुत अच्छा रहा। 

Day 1 Reporting to Base Camp
रजिस्ट्रेशन एंड कैम्प बुकिंग ऑनलाइन होता है YHAI  की website पर। पहले दिन base Camp में रिपोर्टिंग हुआ। Yhai का शानदार बेस कैम्प miramar beach के पास स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ग्राउंड में। कैम्प पर रेजिस्ट्रेशन, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हुआ फिर आइडेंटिटी कार्ड दिया गया हमारा बैच था GT-06 
रकसेक बैग, स्लीपिंग शीट दी जो अन्त में वापिस करनी थी। 
और कुछ instructions थे जो फॉलो करने थे। इनमे से एक था कि कैम्प से बाहर जाओ तो वापिस शाम को 7:30 से पहले रिपोर्टिंग करना है। जो हमने अंतिम दिन फॉलो नही किया जिसको लेकर हमारी क्लास लग गयी थी। 

Day 2 Mobor Beach to Benulim Beach
2nd डे पर मॉर्निंग में beach पर exercise के लिए लेकर गए। और कैम्प लीडर दिलीप जी ने सबको पहली बार आपस मे introduce करवाया । हम total 21 का ग्रुप बना। जिसमे से 13 लड़के और 8 लड़कियां थी। हमारे group से group leader, deputy group leader and environment cleaning leader चुने गए। 
ब्रेकफास्ट के बाद प्रोग्राम का orientation हुआ। 
2 बजे हम बस से बेस कैम्प से मोबोर बीच के लिए निकले। मोबोर बीच साउथ गोआ का एक पीसफुल बीच है मोबोर बीच से अपना अपना सामान का बैग कंधे पर टांगकर हमने 4 बजे चलना शुरू किया वो भी कड़ी धूप में फिर हम चलते रहे और चलते रहे और चलते रहे। नंगे पैरो से बीच पर चलना पानी की छोटी बड़ी लहरो को देखना, छोटे केकड़ों को गीली मिट्टी पर दौड़ लगाते देखना, स्टार फिश, छोटे मोटे शंक के शेल, पैर के नीचे से गीली मिट्टी का धसना।  शाम होते होते बीच पर पानी के लहरो की खूबसूरती और ढलते सूरज की रोशनी बहुत सुंदर दिखने लगी थी। करीब 12 KM चलकर लगभग रात को 8 बजे हम मोबोर बीच से बेनुलिम बीच पर पहुचे वहां से हमको हमारे कैम्प लीडर मैडम लेने आयी। 2 KM गाँव मे चलकर हमारा कैम्प आया। वहां पहुचकर हमको वेलकम ड्रिंक मिली। फिर आगे का प्लान कैम्प लीडर ने बताकर टेंट एंड ब्लैंकेट allot किया। डिनर करके सब जल्दी ही सो गए क्योकि सब बुरी तरह थक गए थे। और हाँ रात को सोने से पहले bournvita भी मिला था।

Day 3 Benulim Beach to Velsao Beach
सुबह उठकर ब्रेकफास्ट करके सब एक्स्ट्रा क्लॉथ लेकर वापिस बेनुलिम बीच पर गए। वहां हमारी सेफ्टी एंड रेस्क्यू ट्रेनिंग हुई। सीपीआर कैसे देते है?  पल्स कैसे चेक करते है? समुद्र के पानी मे नहाने में कैसी सेफ्टी रखनी चाहिये। कोनसे फ्लैग का क्या मतलब होता है। पानी मे डूबने पर रेस्क्यू कैसे करना है वगेरह।
फिर सुरक्षित नहाने की जगह पर हमें नहाने का और स्विमिंग का मौका मिला। पहली बार समुद्र में 50 मीटर अंदर गए क्योकि हमारे साथ रेस्क्यू टीम थी। बिना सेफ्टी और जानकारी के कभी भी पानी में नही उतरना चाहिये।
स्विमिंग के बाद हम वापस कैम्प आए फिर खाना खाया और 3 बजे के करीब हमने नेक्स्ट कैम्प के लिए चलना शुरू किया ।
हमको बेनुलिम कैम्प से वेलसोव कैम्प में जाना था। वेलसोव कैम्प भी beach कैम्प था। जो कि वेलसोव बीच के पास था। आज हमको लगभग 14 KM चलना था। कड़ी धूप ने हालांकि सबको बहुत परेशान किया लेकिन बाते करते करते, गाना गाते हुए, सब अपनी अपनी स्टोरी शेयर करते चलते जा रहे थे तो समय और थकान का पता नही चल रहा था। हमको बेनुलिम से कोलवा बीच होते हुए वेलसोव बीच जाना था। बीच पर हमने एक शादी का फंक्शन भी देखा।, कुछ बच्चे क्रिकेट भी खेल रहे थे तो उनके साथ क्रिकेट भी खेला।, और हॉ बहुत सारे फॉरेनर्स भी दिखे।  थकते गिरते नाचते हम करीब 8:30 pm तक वेलसोव कैम्प पहुचे। वहां वेलकम ड्रिंक से स्वागत किया। ब्लैंकेट दी। यहां लड़को के टॉयलेट्स कच्चे थे। रात को खाना खाने के बाद सबने मिलकर गरबा डांस किया। ये हमारा आखिरी कैम्प beach के पास था। इसके बाद सारे कैम्प जंगल मे थे।

Day 4 Collem to Dudhsagar Camp
वेलसोव कैम्प से सुबह हम जल्दी निकल गए क्योकि हमको वेलसोव रेलवे स्टेशन से सुबह 7:30 को कॉलम रेल्वे स्टेशन के लिये ट्रैन पकड़नी थी। सुबह पाव भाजी ब्रेकफास्ट में मिली उसके बाद लंच पैक करके हम झोला उठा के चले। 

हम सब खानाबदोश की जिंदगी जी रहे थे रोज एक जगह से दूसरी जगह। 
अब तो सुबह जल्दी उठना रात को जल्दी सोना, इतना चलना वो भी 6-7 KG वजन कन्धे पर उठाकर सब एक आदत बन गयी थी। अपने आप 5:30 को नींद खुल जाती। और रात को 10:30 तक अपने आप आँखे बंद हो जाती चाहे फर्श कितना भी uneven हो मस्त खराटे मारते हुए सोते थे।

ट्रैन का सफर करीब 2 घण्टे का था। इसमें भी सबने मिलकर खूब धमाल चौकड़ी की। रील्स बनाई। ताश खेली। 
कॉलम रेलवे स्टेशन पहुचकर हमने भगवान महावीर नेशनल पार्क में प्रवेश किया।  और फिर यहाँ से जंगल का सफर शुरू हुआ। खड़ी चड़ाई, घना जंगल, बर्ड्स चिरपिंग, बहता हुआ पानी आदि। हमको YHAI की मार्किंग और arrow के निशान देख कर आगे बढ़ना था। कितनी बार arrow मार्किंग में confusion हो जाता था फिर 1-2 समझदार लोग आगे जाकर चेक करते फिर आगे बढ़ा जाता। प्यास लगे तो कही भी बहता पानी दिखे तो भर लो pure natural water ।
रास्ते मे हमे 3-4 नहरे क्रॉस करनी थी। पहली नहर में ही मैं क्रॉस करते समय slip हो गया और पानी मे गिर गया। चोट तो नही आई लेकिन पूरा बैग और कपड़े जूते गीले हो गए। गिरा भी इसलिए था क्योंकि में जूते गीले होने से बचने की कोशिश कर रहा था। तो पूरा गीला हो गया ऐसे ही गिरते पड़ते थकते हँसते गाते धीरे धीरे आगे बड़ रहे थे। हमको चढाई चढ़कर दूधसागर कैम्प तक पहुचना था। इस दिन हमने लगभग 14 KM की पैदल यात्रा की। जब दूध सागर कैम्प का बैनर दिखाई दिया तो जान में जान आयी। सबकी खुशी का ठिकाना नही रहा। फाइनली पहुच गए थे। दूधसागर कैम्प मुझे सबसे ज्यादा अच्छा कैम्प लगा। एक तो वहां पर मोबाइल नेटवर्क नही था। और उसके ऊपर इलेक्ट्रिसिटी भी नही थी। लेकिन वहां के कैम्प लीडर साहब विनायक जी ने दिल खुश कर दिया क्या गाने गाए वाह मजा आ गया। कोई ज्यादा इंस्ट्रक्शन नही जो करना है करो मजे करो। और उस दिन डिनर में मुझे मेरी favourite सब्ज़ी बसन गट्टे की सब्ज़ी खाने को मिली जिससे मजा चार गुना हो गया। 
कैम्प पर पहुचने के बाद सबसे पहले हम बहते पानी मे नहाने गए। पानी इतना डंडा की किसी ने फ्रिज से निकालकर यहां भर दिया हो। उस इतने thunde पानी मे नहा कर पहले तो हमारे प्राण पखेरु उड़ गए फिर धीरे धीरे वो इतना chilled पानी इतना अच्छा लगने लगा कि वहाँ से निकलने की इच्छा नही हो रही थी और  सारी थकान खत्म हो गयी।
रात को हमने डिनर के बाद कैंप फायर में अन्तराक्षरी खेली। जो हमारे कैम्प लीडर साहब ने गाने गाए अलग ही लेवल की सिंगिंग। मजा आ गया| 
वाशरूम कच्चे टॉयलेट थे टेंट से बने हुए थे जिसमें सुबह औस का पानी टपक रहा था। और औस की बूंदों से नहाते नहाते सबने टॉयलेट यूज़ किया।
मुझे लगता है इस कैम्प में सबसे कम आधुनिक सुविधाएं थी। लेकिन मजा सबसे ज्यादा आया। क्योकि लोगो को मोबाइल से फुरसत मिल गयी थी। 

Day 5 Dudhsagar to Kuveshi Village
दूधसागर कैम्प से हमने मॉर्निंग में 8 बजे आगे का सफर शुरू किया। आज का रास्ता सबसे कठिन था क्योकि इसमे ज्यादा खड़ी चढ़ाई चढनी थी। हमको इसमे सबसे पहले दूध सागर का मनोरम दृश्य देखने को मिला । बहुत नजदीक से दूधसागर वाटर फॉल को देखा photos लिए, वीडियो बनाई फिर रेलवे अंडर ब्रिज क्रॉस किये। फिर एक दम खड़ी चढाई चढ़ी उसमे सबका दम निकल गया ।    दूध सागर के ऊपर तक चढ़ाई चढ़ने के बाद थोड़ा नीचे उतरे तो सुंदर बहता हुआ पानी की नहर मिली। एक दम स्वच्छ साफ सुथरा पानी उसमे सबने डुबकी लगाई बहुत देर तक तैराकी की। वहां पानी बिल्कुल साफ था और पानी के अंदर पैरों पर मछलियों ने फ्री फिश स्पा किया मस्त मजा आ गया। thunde पानी मे नहाने से सारी थकान दूर हो गयी थी। बहुत सुंदर जगह थी। एक दम शानदार वही पर हमने लंच किया जो हम दूधसागर कैम्प से पैक करके साथ लाये थे।  फिर वहां से हम KTR(Kali Tiger Reserve) में प्रवेश करके कुवेशी विलेज पहुचे। कुवेशी कैम्प भी बहुत अच्छा कैम्प था। यहां हम दिन में 3:30 ही पहुच गए थे। फिर हमने वहां साथ मिलकर बहुत से games खेले। रूमाल झपटनी, dumb charades, ताश के गेम आदि आदि।
खेलने की वजह यह थी कि हमारे पास बहुत सारा टाइम था। और मोबाइल नेटवर्क नही था। तो लोगो के पास समय था खेलने का। यहां पर भी बहुत मजा किया। 
आधुनिक सुविधाएं जहा जितनी कम होती है वहां आप ज्यादा मजे करते हो। ज्यादा गेम्स खेलते हो ज्यादा आप नेचर को एन्जॉय करते हो क्योकि वहां आपका मोबाइल स्क्रॉलिंग के लिए बंद होता हैं ।

Day 6 Kuveshi to Anmod
आज फिर नया सफर शुरू। आज पहले जंगल फिर 3-4 बड़े बड़े फार्म फिर थोड़ी चड़ाई फिर जंगल । फिर अनमोड कैम्प । ये बहुत थकाने वाला दिन था क्योंकि इसमें बहुत चलना था। यहाँ पहुचते-पहुँचते बहुत लोगो के पैरों में चोंटे लग गयी थी। मेरे पैर में भी ब्लिस्टर्स हो गए थे। पैरो में सूजन बहुत कॉमन थी। फुल बैक पैन, शोल्डर पैन आम हो गया था। 
जैसे तैसे चलते चलते हम castle rock स्टेशन के पास पहुचे फिर कैसल रॉक गाव में प्रवेश किया । वहाँ हमे गाइड मिला पहले वहां थोड़ी खाने पीने की चीज़ें खरीदी फिर गाइड के घर पर ही हमने पैक्ड लंच जो लाये थे वो किया। लंच में पुलाव मिला था। लेकिन ब्रेकफास्ट बहुत अच्छा था उसमें छोले भटूरे मिले थे। बहुत ही शानदार।
इतनी गर्मी में लंच के समय गाइड साहब के घर पर buttermilk मिल गया। 2 गिलास buttermilk पी कर मजा आ गया।
फिर वहां से आगे बढ़कर फिर से जंगल मे प्रवेश किया 7 km जंगल अभी चलना बाकी था। जंगल के रास्ते फिर गिरते पड़ते संभलते anmod कैम्प पहुचे। हमने टोटल 15-16 KM चड़ाई की। यह कैम्प भी सुंदर था। पानी की नहर के पास। यहां मोबाइल नेटवर्क शुरू हो गया था तो 2 दिन जो घरवालो से बात नही की थी तो आते ही फ़ोन लगाना शुरू हुआ , फ़ोटो शेयर करना शुरू हुआ । वहां के कैम्प लीडर साहब भी बहुत मजेदार थे। सीनियर सिटीजन साहब। फुल इंस्ट्रक्शन दिए । ये करना है। ये नही करना है यहां साँप है। कोबरा है। बाइसन है। वाइपर साँप है देख कर चलना वगेरह ।
वहां हमारा स्वागत वेलकम ड्रिंक, चाय और आलू बड़े से किया। मस्त नास्ता किया मजा आ गया। फिर वहां भी मस्त बहते चिल्ड पानी में स्नान किया। 
डिनर के बाद  सबने मस्त ताश खेली और bournvita का आनंद लिया। 

Day 7 Anmod camp to Tambdi Surla. Tambdi surla to Base Camp by Bus
ये हमारे ट्रैकिंग का अंतिम दिन था जिसमे हमको लगभग 15 KM चलना था पूरा का पूरा जंगल एरिया। और कम्पलीट downhill.  कम्पलीट downhill चलकर हमें एक मंदिर में जाना था। तमड़ी सुरला मंदिर । यह एक बहुत सुंदर 1200 सदी का महादेव जी मंदिर है। जो एकदम घने जंगल मे होने की वजह से portugese के आक्रमण से बच पाया। ये गोआ का सबसे पुराना महादेव शिवजी का मंदिर है। 
यहां पर हमारा लंच पॉइंट था। 
ये 15 किलोमीटर जंगल का रास्ता बहुत ज्यादा कठिन था। एक तो घना जंगल फिर complete downhill फिर साँप और दूसरे insects का डर और बहुत ही फिसलने वाला। और हमारे कैम्प लीडर साहब ने बहुत डरा दिया था। इस रास्ते मे बहुत से लोग चलते चलते फिसले। क्योकि चट्टानें बहुत चिकनी थी। वास्तव में ये पानी का रास्ता था जो मानसून नही होने से सूख गया था। यहाँ पर लकड़ी के सहारे धीरे धीरे नीचे उतर रहे थे। वास्तव में जो 3 दिन जो ऊपर चढ़ाई चढ़ी थी। उसको वापिस नीचे उतरना था। वो हमने इसी दिन किया। चलते ही जा रहे थे बस चलते ही जा रहे थे। लेकिन रस्ता नही कट रहा था।
फाइनली मंदिर की घंटिया सुनाई दी तो शरीर मे कुछ जान आई। मंदिर पहुचे वहां भगवान शिव के दर्शन किये फिर नारियल पानी पिया लंच किया। सबके पैर सूज गए थे। मैंने भी जूते खोलकर चप्पल पहन लिए । चप्पल पहन कर थोड़ा सुकून मिला। हमारी बेस कैम्प ले जाने के लिए बस लग चुकी थी। करीब 2 बजे हम बेस कैम्प मीरामार बीच के लिये निकले। बेस कैम्प वहाँ से लगभग 70 किलोमीटर दूर था। हम करीब 4 बजे बेस कैम्प पहुचे। बेस कैम्प के तापमान और जंगल के कैम्प्स के तापमान में बहुत अंतर था। बेस कैम्प में बहुत गर्मी थी। जबकि जंगल कैम्प में ठण्डा था। बेस कैम्प पहुचकर अधिकतर नहा धोकर मार्किट में घूमने निकल गए सबको इंस्ट्रक्शन दिए थे कि वापिस 7:30 pm तक आना है। लेकिन बहुत से लोग नही आये उसमे से मैं भी एक था। 9 बजे कैम्प फायर हुआ उसमे सबको ट्रैकिंग कम्पलीट करने का सर्टिफिकेट मिला। लेकिन हम अब तक बाहर ही थे। तो बेस कैम्प वाली मैडम बहुत नाराज हो गयी थी। और सर्टिफिकेट नही दे रही थी। फिर अगले दिन बड़ी मुश्किल से बहुत क्लास लगने के बाद सर्टिफिकेट दिया। जो जो कैम्प फायर में उपस्थित नही थे उनको apology letter लिखना पड़ा। 8th डे को सब मॉर्निंग में ब्रेकफास्ट करके अपने ट्रैन, बस, फ्लाइट की टाइमिंग के अनुसार बेस कैम्प से एक दूसरे को bye करके वापिस किसी ट्रैकिंग में मिलने का वादा करके अपने-अपने घर को निकल गए। 
इस तरह हमारा गोआ का 8 दिन का ट्रैकिंग YHAI के साथ कम्पलीट हुआ। 

Some pictures of Goa Trekking Expedition 2023 YHAI

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